साइबर जागरूकता एवं आंतरिक सुरक्षा विषय पर आधारित कार्यक्रम में डीजीपी अशोक कुमार नैतिकता, साइबर क्राइम पर युवाओं से चर्चा की। उन्होंने युवाओं से ओटीपी न शेयर करने, अनजान लिंक पर क्लिक न करने की अपील की।
शनिवार को लैंसडोन चौक स्थित दून शोध एवं पुस्तकालय में साइबर अपराध के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कोरोना काल के दौरान विश्व पूरी तरह आनलाइन हो चुका है। इसके साथ ही साइबर अपराध भी आनलाइन हो गया है। उन्होंने बताया कि डिजिटल युग में साइबर क्राइम सबसे आम एवं सबसे खतरनाक स्वरूप ले रहा है।
पुलिस के लिए साइबर क्राइम को लेकर है अनेक चुनौतियां-
- पुलिस को यह पता नहीं होता कि साइबर अपराधी कहां बैठकर अपराध कर रहा है।
- इस अपराध के कोई भौतिक फुटप्रिंट नहीं आते हैं। डिजिटल फुटप्रिंट पर पहुंचकर भी कई बार पुलिस असफल होती है।
- नये-नये तरीकों से साइबर अपराधी अपराध कर रहे हैं।
साइबर अपराधी आम नागरिकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। तकनीकों की मदद से तथा जनता में जागरूकता फैलाकर ही कम किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं को ओटीपी शेयर न करने, अवांछित लिंक पर क्लिक न करके,पासवर्ड मजबूत रखने, अनजान लोगों से आनलाइन दोस्ती न करने, ब्लैकमैल न होने के बारे में बताया। सेशन के दौरान छात्रों ने अपने प्रश्न पूछे एवं उनका उत्तर स्वयं पुलिस महानिदेशक ने दिया।